यह कौन गुजरि आगी,आज म्हारे राधिका रास में।
Tag: Aa jao ab to girdhari raas rachane kunjan me
द्रोपदी सभा में बारम्बार पुकारे
आओ नाथ हमारे तुम्हे टेर रही।
मेरे नैनन रहयो समाए, समाए श्री गोवर्धन गिरधारी
हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
चलो साथीड़ा आपा हरिगुण गावा,
ये कुञ्ज गली सँकरी सँकरी,
छुप गया कान्हाँ पकड़ी पकड़ी,
मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया, बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया
सामने आओगे या आज भी पर्दा होगा,
श्याम नगीना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
हरी ने हिये न धारा रे ,
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