हम भटक रहे मारे मारे, दुख दर्द मुसीबत के हारे
Tag: Ab to sara dukh bhulgi mhari heli
अब कैसे होवे जग में जीवणो म्हारी हेली ,
लागा शब्द रा तीर ।
खाटू में जबसे आई मिट गए है दुःख सारे,
में तो हीरो गमादियो कचरा में ,पांच पचीसों का झगड़ा में।
संगत करो नी निर्मल
साध री म्हारी हेली,
आवागमन मिट जाये,
सारे दुःख दूर, अब हमारे हो गए,
जब से खाटू वाले, हम तुम्हारे हो गए।
मैं नन्दलाल ना भुलाउंगी,
राणा मारो या छोड़ो,
करना है तो कोई पुण्य करम कर ,
लेना है तो ज्ञान ले।
चोंच बनाबा वालो चुगो ,
देवेलो हरी चिंता छोड़ दे परी।
भजन कर ले।
सुख के सब साथी दुःख में न कोई
मेरे राम, मेरे राम
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