यह कौन गुजरि आगी,आज म्हारे राधिका रास में।
से चाल बड़ी मस्तानी, यह कौन है राधा रानी।शिव हुवे शर्म ते पाणी,तारे टूटे आकाश में।🌺🌺यह कौन गुजरि आगी,आज म्हारे राधिका रास में।
ये गुजरी मेरे मन भाई, ना देखी और लुगाई।ये बोले किशन कन्हाई, आओ ना मेरे पास में। यह कौन गुजरि आगी,आज राधिका म्हारे रास मे।
कृष्ण जी करे ठिठोली, आ खेले आंख मिचोली।आज में भोला तूं भोली चल दोनों चले कैलाश में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺यह कौन गुजरि आगी,आज राधिका म्हारे रास मे।
भोले का चीर उतर गया,लहंगा की गैल घिसक गया।भोला शर्म से हो गया लाल,श्याम मिलन की आश में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺यह कौन गुजरि आगी,आज राधिका म्हारे रास मे।