चुप रहना और कुछ ना कहना,
क्या यह तेरी लीला है,
Tag: chup gaya kanha pakdi pakdi
कान्हा मान ले मेरी बात नहीं तो तोहे रंग लगाए दूंगी,
खाटू वाले कर रहे है,
करम चुपके चुपके,
कान्हा कान्हा रटे ग्वालनी,
राधे का ना ध्यान करे,
ना पकड़ो हाथ मन मोहन, कलाई टूट जाएगी,
वो हटा रहे है परदा सर-ऐ-आम चुपके चुपके
ओ कान्हा ओ कान्हा सुन लो विनती मेरी।
छुप छुप आयो श्याम लेके ग्वाल बाल हैं,
जब श्याम ने पकड़ी कलाई,
फिकर फिर क्या करना,
मत ना जावो छोड़ काना,
याद घणैरी आवसी,
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