ना पकड़ो हाथ मन मोहन, कलाई टूट जाएगी,
Tag: dhul mohe pyari
कोई पिछले जनम के अच्छे करम,
मुझे बाबा तेरा प्यार मिला,
अब आन मिलो मोहन,
तन्हाई नहीं जाती,
द्रोपदी सभा में बारम्बार पुकारे
आओ नाथ हमारे तुम्हे टेर रही।
भूखे है तेरे प्यार के, हमें भी दीदार दे ।
कर लो मोहन से यारी मेरी राधा प्यारी।
धुला लो पाँव राघव जी
अगर जो पार जाना है।
दे दे श्याम धूल चरणन की,
सुन ले ओ बाबा,
थारी मोह माया ने छोड़ ,
राम ने भज रे ।
कन्हैया बागों में मत जाइयो बाग की मालन मोह लेगी।
You must be logged in to post a comment.