शिव रूद्राष्टकम :
Tag: bhola bhang tihari
हरी हरी भांग का मजा लीजिये,
सावन में शिव की बूटी पिया कीजिये,
मने भांग घोट के पीला गोरा मैं होजा पावर फुल,
तेरा जादू न चलेगा मेरे भोले
काहे मारे मेरी गलियों के फेरे।
ये भांग ना घोटी जाए रे भोले क़मर टूट गईं हाए रे,
चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा,
मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।
आज म्हारे भोले बाबा,
भांग घणी पीदी ओ,
मेरा शंकर भोला भाला, माँ प्यारा डमरू वाला।
ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।
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