क्यू खड़ी खड़ी तू हालै रे गौरा
चाल कसुती चालै।
Tag: Bhagwati samne khud khadi
कब से खड़ी हूं थारे द्वार म्हारा खाटू वाला श्याम,
सामने आओगे या आज भी पर्दा होगा,
भगत कित पड़ के सो गया रे,
भाई क्यों ना खाटू आया।।
मुझे दास बना कर रख लेना,
भगवान तु अपने चरणों में
पत्थर की मूरत को भगवान समझते हैं
बना है फूलों का मंदिर, कहीं वह बिखर ना जाए
हे भगवान तेरी दुनियां में,जी लागे ना मेरा
तेरी सूरत जो मन में बसी है।क्या करूंगी में मंदिर शिवालय।
तु जगजननी महारानी, मेरी कालका मात भवानी।
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