आगरे को घाघरों में, लाई शेरावालिए
Tag: Aagre ko ghaghro me layi
श्याम नगीना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
चंदा भी देख शरमाया, कान्हा जी तुम्हे किसने सजाया।
तेरी रुनझुन रुनझुन होय श्याम की बाज रही पायलिया।
कन्हैया बागों में मत जाइयो बाग की मालन मोह लेगी।
जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
बहना बोलो ग्यारस के दिन राधे राधे,
भरोसे हम तो बाबा के,
जो होगा देखा जाएगा
राधा बनी कमल की माल श्याम भँवरा सो बनो।
ऐसी रचना रच गया तू जहां देखूं वहां तू ही तू।
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