चारभुजा रा नाथ थारी,
सेवा करा दिन रात,
Tag: Aadha hai chandrama raat aadhi
पत्ते पत्ते डाली डाली,
मेरा राम वसदा,
तूं बणया दूज का चांद बाबा नजर कदै ना लागे।
चांद सा सलोना मुख
लटें घुंघरारी है।
तुम राम कहो या श्याम कहो दोनों ही जग में सुंदर है।
आओ ए माजीसा म्हारे,
आंगने पधारो,
बिगड़ी बनाने वाली,
कष्ट मिटाने वाली,
दुनिया में जगदंबे माँ,
हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
बालाजी भेरू जी माँ के चाले अगवाणी,
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे।
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