तुम तो कान्हा छलिया हो दरश कब दिखाओगे।
Tag: Aa jao krishna kanhaiya
तेरे से ना छिपे है,
हालात ये हमारे,
लेके फिर अवतार कन्हैया कलयुग में आ जाओ।
देखा अजब नजारा दरबार मैं कन्हैया,
मैं गोरी तुम काले कन्हैया, मैं गोरी तुम काले।
ओ कान्हा ओ कान्हा सुन लो विनती मेरी।
दस वे कन्हैया चोरी किथे किथे किती आ,
कान्हा यो के आई थारा मन में,
गुजरया नचाई वृंदावन में।
लाल समझाए ले मैया, है नटखट तेरा कन्हैया।
तू ही कन्हैया तू ही लखदातार है,
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