लो आ गया है फागुन निशान उठा लेंगे ,
Tag: Chaya re basanti rang lo fagun aaya re
कभी फगण में आया, कभी ग्यारस पे आया,
कभी भक्तों से मिलने आया करो,
फागुन के रंग उड़े पुरवा के संग चले,
चुनर के संग उड़े साड़ी रे,
ना जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते हैं ।
सखी दूसरों रंग चढ़ेगो नही,अब सांवर रंग रंग्यों सो रंगयों।
फागुण की रुत ऐसी आई है,
खाटू में मस्ती छाई है,
तर जाओगे राम गुण गाने से, क्या होता है गंगा नहाने से।
राम गुण गायले रे भाई म्हारा,
जब लग सुखी रे शरीर।
राम गुण गायले रे भाई म्हारा,
जब लग सुखी रे शरीर।
ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,
You must be logged in to post a comment.