अब तिरछी नजर मेरे हरि की।
Tag: Bhajan Karo bhari jawani me
तेरे भजनों में मैं रम जावा। तेरे नाम यह दिल कर जावा।
राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई
ये जीवन दो दिन का
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे।।
राम भजन रा लावा लेलो,
हरि भजन रा लावा,
जग बितयो जाय लावा।।
भजे क्यों ना राम,क्यों सौवे तूं बुढ़िया।
मोर छड़ी और नीले में जंग छिड़ी है भारी,
मुक्ति का कोई तूँ जतन करले रे,
रोज थोड़ा थोड़ा हरी का भजन करले ।
सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां
हरी ने हिये न धारा रे ,
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