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Tum bas tum ho tumhari tulna koi nahi kar sakta,तुम बस तुम हो तुम्हारी तुलना कोई नहीं कर सकता

तुम बस तुम हो तुम्हारी तुलना कोई नहीं कर सकता। कई लोग ऐसे होते हैं जो हमेशा दूसरों को देख कर जलते रहते हैं। हर इंसान में भगवान ने कोई न कोई गुण भरा है, पर हमें अपना गुण कभी नहीं दिखाई देता। जहां बात बढ़ाई की आती है तब हम अपनी शेखी बघारते हैं। पर मन ही मन खुद को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं।

एक छोटी सी कहानी है, एक कौवा था , वह अपने रूम पर अंग को लेकर हमेशा दुखी रहता था। एक दिन रास्ते से भगवान गुजर रहे थे। पर कौवा बिचारा क्या जाने कि मेरे सामने भगवान खड़े हैं। हर रोज की तरह उस दिन भी वह अपने आप को कोस रहा था। तो भगवान ने उससे पूछा क्या तकलीफ है? छुट्टी थी कौवा कहने लगा। पता नहीं भगवान ने हम कौवों को क्यों काला बनाया। जहां जाते हैं वहां से लोग भगाते ही रहते है। लोग पशु पक्षी को पालते हैं पर कभी हमें नहीं पालते। हमें भी तो इच्छा होती है कभी कोई हमसे प्यार से बोले। तो भगवान ने पूछा बताओ तुम क्या बनना चाहते हो। तब क्या हुआ बोला कोई तो हमें हंस बना दे। कितना सुंदर पानी में विचरता है। लोग उसे पानी में ही दाना दे देते हैं। लोग उसके साथ अपनी फोटो खींच आते हैं। आज तक हमारे साथ किसी ने फोटो नहीं खींचाई।

भगवान ने कौवे के दुख को समझा। और उसे हंस बना दिया। हंस बनकर जब कौवा तालाब में गया। तो तालाब के हंस को भी दुखी देखें।कौवे ने पूछा भाई तुम तो इतनी सुंदर हो,फिर क्यों दुखी हो। इस बात पर हंस बोला। क्या खाक जिंदगी है हमारी, सब मौसम में गीले में ही पड़े रहते हैं। हमें भी मन करता है कभी उड़कर वृक्ष पर जा बैठे। और मीठे मीठे फलों का आनंद लें। किसके घर में क्या चल रहा है सब ताक झांक करे। तब कौवे ने मन ही मन सोचा भाई हम तो हार में रह गए।

इतने में भगवान तालाब के पास पहुंचे। और कौवे से पूछा अब तो खुश हो ना? तब हंस बना कौवा और हंस एक साथ ही बोल पड़े नहीं। तो भगवान ने पूछा बोलो अब क्या बनना चाहते हो। दोनों ने एक ही स्वर में बोला, भगवान हमें तो सुंदर-सुंदर तू तोता बना दो। लोग उसे बड़ी खुशी से पालते हैं। और तो और उसे बोलना भी सिखाते हैं। इतना ही नहीं अपने कंधे पर बिठाकर सेल्फी भी ले लेते हैं।

उनकी बातें सुनकर भगवान ने कहा जाओ बना दिया। खुशी से उड़कर दोनों बन में चले गए। वहां पेड़ पर एक तोता बैठा था। उन्होंने पुकारा तोता भाई, कितने खुश हो ना तुम, हम भी तोता बन कर आए हैं। तब तोते ने कहा, पागल हो क्या? तुम्हें मेरी तकलीफ का क्या पता। मुझे तो छुप छुप कर रहना पड़ता है लोगों से। पता नहीं कौन कब पकड़ ले और अपने घर में बंदी बना दे। तब तो पिंजरे में ही अपनी जान देनी पड़ेगी।

फिर तीनों भगवान के पास आए और बोले भगवान हमें तो जंगल का मोर बना दीजिए। कितनी सुंदर पंख है उसके। उसके पंखों से ही श्री कृष्ण ने सिंगार किया है। कितना सुंदर नृत्य करता है वह। और तो और फिल्म वालों ने कितने गाने बनाए हैं उस पर। जानी-मानी नायिकाएं भी यह तमन्ना रखती है कि उसकी जैसी बन कर नाचे। तो भगवान ने कहा तथास्तु जाओ मोर बना दिया। अब मोर बंन कर तीनों चले गए जंगल को। वहां दूर से ही देखा किसी ने मोर को पकड़क उसके पंख नोच डालें। देखकर डर से उनकी रूह कांप गई।

फिर दौड़े-दौड़े भगवान के पास आए। बोले भगवान हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई हम तो भाई जैसे थे हमें वैसे ही बना डालो। आपने हमें जो रूप दिया है हमें मंजूर है। तब भगवान ने कहा। सबके रूप की अलग-अलग विशेषताएं हैं। सबके अपने अपने गुण हैं।रूप से कभी कोई छोटा या बड़ा नहीं होता। सबके अपने अपने कर्म है। अच्छे कर्म वाला इंसान अच्छी जिंदगी जीता है। और बुरे कर्म वाला इंसान भी जानवरों की तरह जिंदगी जीता है। अच्छे कर्म वाले पशु पक्षी जानवर भी सुखमय जीवन जीते हैं। और मनुष्य के घर में पलते बढ़ते हैं। दुष्कर्म वाले पशु पक्षी जानवर भी बुरी मौत मरते है।