गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।
Tag: Baikunth me rahkar girdhari
फूलों में बैठे गिरधारी, चले आना खोल किवाड़ी।
आया सखियो मेरा बनवारी
मेरा बनवारी आया मेरा गिरधारी
तेरा संकट सारा हर लेंगे,
तू नाम हरि का जपले,
द्रोपदी सभा में बारम्बार पुकारे
आओ नाथ हमारे तुम्हे टेर रही।
मेरे नैनन रहयो समाए, समाए श्री गोवर्धन गिरधारी
सखी री कर लो व्रत ग्यारस का हरि का मिलना मुश्किल है।
चलो साथीड़ा आपा हरिगुण गावा,
तरेगा वही जिसके मन में हरी है, मन में हरी है,
ओ कान्हा मेरे ओ कान्हा मेरे, तेरी राह निहारु पनघट पे,
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