मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया, बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।
जब से हर करके लाए सिया जानकी। हाल होने लगी ऐसे परेशान की। मति कौन हरी, ऐसी कुमति भरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।
मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया, बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।
सारी लंका जली और जलती रही। मैंने लाख कहीं पर एक ना सुनी।मति कौन हरी, ऐसी कुमति भरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।
मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया, बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया।