श्याम जी चख जाओ, पेट भर खा जाओ।
Author: Pushpanjali
छछिया भर छाछ पे नाच नचाए।
की भजमन राम जी,सियाराम जी, तेरी चिंता हरेंगे हनुमान।
क्या तुम्हें पता है ए अर्जुन यह द्वापर जाने वाला है
मेरी गलती क्षमा करना, मेरे हनुमान जी प्यारे।
एक प्याली चाय की कन्हैया तेरे नाम हो।
पवनसुत हनुमान जय हो पवनसुत हनुमान
तुम सुनो सजन किस काम की, सुमिरन बिन सुंदर काया।
नन्हे नन्हे घुंघरू ये बांध के नाचे बालाजी,
आया आया रे जन्मदिन, अंजनी के लाल का।
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