मेरा रोम रोम बोले जयशंकर बम भोले,
Author: Pushpanjali
हां ऐसी होती बेटी है।
मेरी रौनक से मेरी लाडो तू
मेरा नन्हा सा बेटा है चांद का टुकड़ा
याद रह रहे के आती बड़ी बरसाने की एक एक गली,
के आंखें में बंद करूं ,तो तुम ही दिखा करो।
चारभुजा सु म्हारी विनती,जी सुणजो बारम्बार
दरबार ये तुम्हारा है आसरा हमारा।दरबार ये तुम्हारा है आसरा हमारा।नजरों में बस गया है दीदार ये तुम्हारा।दीदार ये तुम्हारा।दीदार ये तुम्हारा।दीदार ये तुम्हारा। मुझे छोड़ नही देना,मुख मोड़ नहीं देना।है धड़कनों का कहना,तुम जान हो मेरी।तुम जान हो मेरी।मुझे छोड़ नही देना,मुख मोड़ नहीं देना।है धड़कनों का कहना,तुम जान हो मेरी।तेरे बिना हमारा होगा […]
होली खेल रहे बांके बिहारी, आज रंग बरस रहा
उठे साँवरिया री हूँक ,नैना झर झर नीर बहाय
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