कान्हा कान्हा रटे ग्वालनी,
राधे का ना ध्यान करे,
Tag: Chota sa kanhaiya dekho
मेरो छोटो सो बिहारी बडो प्यारो लगे,
कितनो सोनो कितनो सुंदर सबसे न्यारो लागे
द्वापर में कृष्ण कन्हैया ने,
क्या अद्भुद खेल रचाया था,
मत ना जावो छोड़ काना,
याद घणैरी आवसी,
ये कुञ्ज गली सँकरी सँकरी,
छुप गया कान्हाँ पकड़ी पकड़ी,
छोटी सी एक अर्जी मेरी,
छोटी सी दरकार है ।
आजा मेरे सांवरे,
तेरा इंतज़ार है ।।
चोरी माखन की दे छोड़ कन्हीया मैं समझाऊँ तोय,
कन्हैया तेरी मेहरबानी रहे,
जब तलक ये मेरी जिंदगानी रहे,
कान्हा न चाहिए बैकुंठ जन्म मोहे ब्रज में दियो रे
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