रो रोकर फरियाद करा हां श्याम मिजाजी आजा रे।
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ओ साँवरिया आँख्यां खोल,
तेरा सेवक अरज़ गुजारै ।।
सांवरिया थारा घुंघर वारा रे बाल।
अवधपुरी के राजा हरिश्चंद्र, हो गए ऐसे दानी
मोड़ो घणो आयो रे सांवलिया,
थे मारी लाज गवाई रे,
भरदे मायरो साँवरिया,
नानी बाई लागे,
आजा आजा रे सांवरिया थारा,
टाबर बोले,
आजा आजा रे सांवरिया नरसी टेर सुनावे रे
ओ आयो आयो फागण आयो, म्हारो साँवरियो मुस्कायो।
तेरी सुन मुरली की तान ओ तान, मैं तो भूल गई सुध सांवरिया।
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