चुनर ओढ़ लेई ओढ़ लेई रे,नटवर नागरिया
Tag: Ari me to odh chunariya jaungi kunjan me
सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,
सिंघ सवारी पे है लगती भली।।
कुञ्ज बिहारी से रास बिहारी से
मेरे नैना लड़ गये हाय रे मेरे नैना लड़ गये।
मेरी छोड़ दे चुनरिया भोलेनाथ सवेरे बूटी लेकर आऊंगी
भव बिन खेत खेत बिन बाड़ी,
जल बिन रहत चले बाड़ी,
मां लाल चुनरिया में लगती निराली है। बड़ी सज धज के बैठी मां शेरावाली है
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
रंग सोना सोना लाल लाल है।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
नर तन फिर न मिलेगा छोड़ दे गठारिय वन्दे पाप की।
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