क्या लेके आया बंदे, क्या लेके जाएगा।
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
ओ तन पावनो रे बीरा मत कर मान गुमान।
काया में झांको रे पर्चो राम रो।
काई कारण आयो जिवडा,कई करवा लागो रे,
तोता उड़ी जाना एक दिन रे, पिंजरा छोड़ी जाना एक दिन रे।
भई मारा करले करले, काया रो कल्याण, जीवड़े रो कल्याण, मुक्ति रो मोको आवियो।
चला ओढ़ के कफन अकेला, सब झूठा है जग का मेला
हिण्डो तो घलादे सतगुरु म्हारा बाग मे जी।
माटी को तनड़ो थारो माटी बन जासी रे
चली जा रही है यह जीवन की रेल
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