चलो साथीड़ा आपा हरिगुण गावा
Tag: Chalo sathida aapa hari gun gawa
तुम दिखते नहीं हो फिर भी हरि,एहसास तुम्हारा होता है,
ना जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते हैं ।
तर जाओगे राम गुण गाने से, क्या होता है गंगा नहाने से।
राम गुण गायले रे भाई म्हारा,
जब लग सुखी रे शरीर।
अरे काछबो ने काछबी रेता रे जल में
लेता हरी रो नाम ।
अब तू ही है साथी अब तू ही है हमदम,
तुझसे ही बंध गया मेरे जन्मो का बंधन,
चलो, बुलावा, आया है,
कन्हैया ने बुलाया ह।
राम गुण गायले रे भाई म्हारा,
जब लग सुखी रे शरीर।
अब तिरछी नजर मेरे हरि की।
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