ये तेरी रस भरी मुरली , मेरे मन को तड़पाती है।
Tag: aa jao krishna murari
ग़रीबों के दाता हो अगर तुम मुरारी,
मेरी पार नैयाँ, लगानी पड़ेगी,
श्याम नगीना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
ये सुन्दर चेहरा सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दिवाना लगता है,
भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।
तेरी रुनझुन रुनझुन होय श्याम की बाज रही पायलिया।
कन्हैया बागों में मत जाइयो बाग की मालन मोह लेगी।
अब मन भज ले राधेश्याम,बुढ़ापा बैरी आवेगाे।
श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी
जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
You must be logged in to post a comment.