ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
Tag: Bake bihari tujhe dekhkar mere naina ulajh gaye
रास रचायो रसिक बिहारी,एसो रस बरसाए दियो
खिड़की मत खोलो अटारी की, चोरी हो गई बांके बिहारी की।
हमरो प्रणाम बांके बिहारी को,
मेरे बाँके बिहारी के नैना,
सखी री, कछु जादू सो कर गए री,
तिरछी चितवन से करके इशारे,
चोट ऐसी जिगर पे ये मारे,
सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
लेना खबर हमारी हरिदास के बिहारी ।
जब तक नैना से नैना लगे ना, बांके बिहारी तब तक नोनो लगे ना
चलो साथीड़ा आपा हरिगुण गावा,
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