डम डम वजे गुरा दा डमरु….
आज्या रै परदेशी खड़ी नीम के तळे
ऐ मेरी भावज ऐ नैना रा बाण मत मार ऐ,
भर दे मायरो सांवरिया नानी बाई को,भर दे मायरो।
भज अवधपति श्री रघुराई।
मन गाए बस राम ,सिया राम जी।
चरणों में रघुवर के, सारी उम्र बितानी है।
मेरी दादी चली आना जब तेरी जरूरत हो
कहो नानक ईहै जगत में, टेक एक रघुनाथ।
मैया ने दिए हैं वरदान में तो वारी जाऊं
भक्तों के कारण हुआ राम अवतार।
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