डम डम वजे गुरा दा डमरु….
सच्चा भरोसा तेरी, बिगड़ी बात बदलेगा
बोली रे कोयलिया जय जय अम्बे माँ ।
टोकरी हे सिर पै धर के जमना में बड़ गया वासुदेव।
मेरे हृदय में अलमारी जिसमे बैठे कृष्ण मुरारी,
क्या करूं ससुराल जा के दिल मेरा लगता नहीं,
थारी काय करू जी मनवार सांवरिया महारा गिरधारी,
छाया रे बसंती रंग लो फागुन, आया रे,
भोले शंकर हम भक्तों से,
करते कितना प्यार,
जय हनुमाना वीर हनुमाना,
थारी करा मैं जय जयकार,
जय सियाराम सियाराम बोल मना
क्यों फिरता डामा डोल मना ।
You must be logged in to post a comment.