मुझे वृंदावन बुलाया यह करम नहीं तो क्या है,
Tag: Dekho vrindavan ki kunj galin me nachat nandkumar
मोरे मन चल वृंदावन धाम,
रटेंगे राधे राधे,
भेष बदल कर नारी बन कर, चले है तन कर श्याम,सभी को भा गये है
झूला तो झूले रानी राधिका,
झुलावे नंदकुमार,
एसो रास रचयो वृन्दावन,बज रही पायल की झंकार
कुञ्ज बिहारी से रास बिहारी से
मेरे नैना लड़ गये हाय रे मेरे नैना लड़ गये।
खाटू की ये गालियां होंगी मशहूर,
खाटू की गलियां रहती सदा गुलज़ार है
इनमे लीले चढ़ घूमे लखदातार है ।
कानूड़ो नचावे थोड़ी नाच ले।
पगल्यां में थोड़ी पायल पहर ले ,
वृंदावन बोले मोर, ओ मोर, गोकुल में शोर भयो भारी।
You must be logged in to post a comment.