ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
Tag: Aaj gokul nagar aaya
प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर
प्रेम नगर मत जा।
कान्हा कंकर ना मारो गगरिया में। हमें जाना है गोकुल नगरिया में
मारा सांवरिया गोकुल की ,
गुजरिया लड़बा लागी रे ।
म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
छाई रै खाटू नगर में बहार,
श्याम मिलन की रूत आई,
मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया, बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया
सामने आओगे या आज भी पर्दा होगा,
ये सुन्दर चेहरा सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दिवाना लगता है,
चंदा भी देख शरमाया, कान्हा जी तुम्हे किसने सजाया।
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