तेरे नाम दी जपा मै माला माला
Author: Pushpanjali
सत्संग की गंगा मंदिर में बही जाय, जामे कोई कोई नहाए।
क्यों भुल गए ए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए,
मथुरा की टिकट कटा दे मेरे मोहना, मैं गोवर्धन जाऊंगी मेरा मन नहीं माने।
बने दूल्हा छवि देखो श्री राम की,
दुल्हन बनी सिया जानकी।
सिया राम लखन मेरे तीनों किस हाल में होंगे।
आ गया तेरे दर पे बाबा अब ना खाली जाऊँगा
हमने अजमा लिया अपना बना लिया,
इक बीज मंत्र से जो चाहा पा लिया,
मैं भोले जगाई आई भोले ना जागे।
उमरिया बिताए देयी,राम नहीं जाना।
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