राम से लगी डोरी श्याम से लगी। उनको कौन सतावे जिन की डोरी राम से लगी।
Tag: Fere hai mala ram ki
मैं तो भूल गई भगवान माला भूल गई।
म्हारी झुपड़िया आवो मारा राम,
पापी के मुख से राम नही निकले,
केसर घुल गयी गारा में,
चोला माटी के हे राम,
एकर का भरोसा,
जल जाए जिव्हा पापनी,
राम के बिना,
दिल मतवाला जपूं कैसे माला,
रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।
यही सोच दिन रात राम हमें कैसे तारोगे।
मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
You must be logged in to post a comment.