जग घूमेया श्याम जैसा ना कोई,
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तुने पानी में ज्योत जलाई, तेरी जय हो ज्वाला माई।
अपने भगत की तू ही सुने फरियाद,
ऐ श्याम तेरी माला जपूँ दिन रात,
ले के पूजा की थाली, ज्योत मन की जगाली,
तेरी आरती उतारूँ भोली माँ।
तुम राम कहो या श्याम कहो दोनों ही जग में सुंदर है।
तेरी माया अजब निराली, बने श्याम भगत के हाली।
जलती रहे खाटूवाले,जोत तेरी जलती रहे।
हे शिव शंभू करुणा सिंधु जग के पालनहार
मैं भोले जगाई आई भोले ना जागे।
बाबा तू एकला तेरे भगत घने।तेरी जोत जगाए सारे जने।
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