तुम ही मेरी है मोहब्बत तू ही मेरी चाहत है।
Tag: fir bhi shyam ko pana hai
छाई रै खाटू नगर में बहार,
श्याम मिलन की रूत आई,
तूं भी श्याम रिझा ले, तूं भी भजनों को गा ले। तूं भी चरणों में शीश को झुकाले
मेरा गल्ला करन नू जी करदा,
श्याम तेरे नाल,
मुझे मेरे श्याम सहारा दे दो,
मेरी डूबी हुई नैया को किनारा दे दो,
भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।
लगन श्याम से यूं लगाया करें हम,
मजे दर्दे दिल के उठाया करें हम।
श्याम तेरी कर्मों की गति न्यारी,
में कैसे रटु मुरारी
हमने अजमा लिया अपना बना लिया,
इक बीज मंत्र से जो चाहा पा लिया,
मेरे श्याम तुझको नमस्कार है नमस्कार है
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