तुम तो कान्हा छलिया हो दरश कब दिखाओगे।
Tag: Bedardi o kanha kabtak tadpaoge
दीवाना हु तेरा कान्हा
मुझे ज्यादा ना तडपाना
आए तेरे द्वारे उद्धार करिए, खाटू वाले श्याम बेड़ा पार करिए।
ये तेरी रस भरी मुरली , मेरे मन को तड़पाती है।
हमारी गली कान्हा होके जाना। हमारी सुधि कान्हा लेते जाना।
आ गया तेरे दर पे बाबा अब ना खाली जाऊँगा
मेरे उठे जिगर मे पीर कन्हैया तेरी याद में,
लाखों महफ़िल जहाँ में युंतो
तेरी महफ़िल सी महफ़िल नही है
दरबार तुम्हारा श्याम, दुनिया से निराला है,
कानूड़ा का दिल लूट ले गई गुजरी।
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