जिंदगी है मौज में, मौज में जी मौज में,
Tag: Bari si umariya
उमरिया बिताए देयी,राम नहीं जाना।
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
झोपडी बरसाने जा बनाऊंगी
मेरी भक्ति में भंग मत डाले मेरी मां,व्याह करवा दे कान्हा से।
राधा रानी का अटल सुहाग रहे
बारी सी उमरिया औ धानी सी चुनरिया