कीर्तन में बाबा आये तो देखो लगा से रंग बरसने।
Tag: Badariya barse shyam nahi aaye
श्याम की आखियो से मस्ती बरसे,
पी ले जरा तू जी ले जरा,
तू नटवर तू श्याम है, मनमोहन घनश्याम है।
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सुधा पी लेने दो,
आ गया तेरे दर पे बाबा अब ना खाली जाऊँगा
राम के दरबार में जो आ गया।जिसने जो मांगा वो सबकुछ पा गया।
आज सजाया दरबार बाला जी आओ कीर्तन में,
आसमान से फूलो की बरसात हो रही
गौरा तेरी शादी भोले से हो रही।
लाखों महफ़िल जहाँ में युंतो
तेरी महफ़िल सी महफ़िल नही है
दरबार तुम्हारा श्याम, दुनिया से निराला है,
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