यो के तेरो रुसणो,
घड़ी घड़ी के माय,
Tag: Ajmal ji ra kawra bhulu na ek ghadi
मैं नन्दलाल ना भुलाउंगी,
राणा मारो या छोड़ो,
मिन्दर री खिड़की वेगी खोल जोशी,अजमल आयो है दर्शन करवा ने ओ जी,
भूलूँ नाही एक घड़ी,
मैं सांवरिया थाने,
हाथ जोड़ ने अरज करूं,
मैं आयो थारे बारने,
जिंदगी की ना टूटे लड़ी,
नाम जपले घड़ी दो घड़ी,
म्हारे घडी रे घडी रो रिछपाल भगता रो प्रतिपाल, खाटू वालो श्यामजी।
हार को अपनी भूल गया प्रभु,
जब से तेरा साथ मिला
क्यों भुल गए ए श्यामा,
मुझे पागल समझ कर भूल गए,
म्हारा घडी रे घडी रा रिछपाल सिमरु बाबा बजरंग ने।
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