हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,
Tag: dulha ban shiv sasural chale
सूरज जब पलके खोले, मन नमह शिवाये बोले,
आज कैलाश पर्वत आनंद भयो रे
पारवती के गजानन भयो रे।
गोरा तुझे ब्याहने को तेरा दूल्हा आया है।
चले आओ चले आओ,तुम्हे अपनी सुनानी है
कैलाश के निवासी नमू बार बार हूं , नमू बार बार हूं।
जब रूठ गये शिव शम्भु जा कैलाश पे गाड़े तंबू
हे शिव शंभू करुणा सिंधु जग के पालनहार
गाड़ी अटक अटक कर चाले इम्मे, कूड़ा फंस गया रे,गाड़ी अटक अटक कर।
बने दूल्हा छवि देखो श्री राम की,
दुल्हन बनी सिया जानकी।
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