ओ साँवरिया आँख्यां खोल,
तेरा सेवक अरज़ गुजारै ।।
Tag: aisa hai sewak shree ram ka
चारभुजा रा नाथ थारी,
सेवा करा दिन रात,
रे भज मन राम नाम अति प्यारा,
पत्ते पत्ते डाली डाली,
मेरा राम वसदा,
कैसे बैठा रे आलस में मुख्य से राम कह्यो न जाये,
मत मांगो यह वचन रानी मेरे प्राण चले जाये
मेरे वीर हनुमान प्यारे प्यारे,
श्री राम जी के तुम हो दुलारे,
जो खेल गए प्राणों पे,
श्री राम के लिए,
राम जपले रे सिया राम जपले,
तेरी सेवा करूँ उम्र भर,
मुझपे पर रखना तू अपनी नज़र,
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