कौशल्या, दशरथ के नंदन,
राम ललाट पे शोभित चन्दन
Tag: Dashrath ke rajkumar
कैकई तूने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को,
जिंदगी है मौज में, मौज में जी मौज में,
उमरिया बिताए देयी,राम नहीं जाना।
राम और लक्ष्मण दशरथ के बेटे दोनों बण खंड जाय
हेजी कोई राम मिलै भगवान।
शरण तेरी आया है,
दास घबराया है,
मुझे दास बना कर रख लेना,
भगवान तु अपने चरणों में
हे दशरथ नंदन दया करो, हम शरण तुम्हारी आए हैं
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
शिव शंकर के अवतार,
मेरे बालाजी सरकार,
दास तेरा हो जाऊँ,
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