तुम तो कान्हा छलिया हो दरश कब दिखाओगे।
Tag: Andar baithe hai kanhaiya bahar baithi Tulsa
लेके फिर अवतार कन्हैया कलयुग में आ जाओ।
आज भवर में नैया कन्हैया
तुम हो कहा तुम हो कहाँ
लाल समझाए ले मैया, है नटखट तेरा कन्हैया।
तू ही कन्हैया तू ही लखदातार है,
घढ़वा दे म्हारा कानजी सोना री झुमरिया।
द्वापर में कृष्ण कन्हैया ने,
क्या अद्भुद खेल रचाया था,
ओं मेरे कान्हा तेरा मुस्कुराना
भूल जाने के काबिल नहीं है।
काली कमली वालेया मैं तेरी हाँ
सोने नैना वालेया मैं तेरी हाँ।।
हमारी गली कान्हा होके जाना। हमारी सुधि कान्हा लेते जाना।
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