जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
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सत्संग की गंगा मंदिर में बही जाय, जामे कोई कोई नहाए।
हर देश में तू हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तू राजा की राजदुलारी,मैं सिर्फ लंगोटे आला सुँ,
जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
सत्संग की गंगा मंदिर में बही जाय, जामे कोई कोई नहाए।
हर देश में तू हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तू राजा की राजदुलारी,मैं सिर्फ लंगोटे आला सुँ,