भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।
Tag: Ghut rahi bhole teri bhang sone ke lote me
मने भांग घोट के पीला गोरा मैं होजा पावर फुल,
सोने चांदी के बनाये हनुमान दरवाजे लागे पीतल के।
भोले बाबा से पार्वती रूठ गई रे, गजब भयो रामा जुलम भयो रे।
बनवा दे भोले सोने की एक अटरिया,
ये भांग ना घोटी जाए रे भोले क़मर टूट गईं हाए रे,
मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।
आज म्हारे भोले बाबा,
भांग घणी पीदी ओ,
ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।
भोले का जयकारा तू लगा के देख ले,
बन जाए सारे काम तू भी आके देख ले।।
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