तर्ज,करती हूं तुम्हारा व्रत में स्वीकार करो मां
सिया राम लखन मेरे तीनों किस हाल में होंगे। उन लाडलों के दर्शन चौदह साल में होंगे। मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।
पछता रहा हूं उनको घर से निकाल कर। दी मंथरा ने बुद्धि केकेई की बिगाड़ कर। मेरे भरत शत्रुघ्न दोनों ननिहाल में होंगे।🌺🌺🌺🌺🌺उन लाडलों के दर्शन चौदह साल में होंगे। मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।
सिया राम लखन मेरे तीनों किस हाल में होंगे। उन लाडलों के दर्शन चौदह साल में होंगे। मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।
आंखों के पट बंद किए तब ध्यान कुछ होता। जिद करके रोक लेता जाने नहीं देता। करता हूं ख्याल घनेरे कहीं लाल वह होंगे। 🌺🌺🌺🌺उन लाडलों के दर्शन चौदह साल में होंगे। मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।
सिया राम लखन मेरे तीनों किस हाल में होंगे। उन लाडलों के दर्शन चौदह साल में होंगे। मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।
स्वागत में राम का राजतिलक होता ही रह गया। हर आदमी अवध का हाय रोता ही रह गया।करता हूं ख्याल घनेरे कहीं लाल वह होंगे। 🌺🌺🌺🌺उन लाडलों के दर्शन चौदह साल में होंगे। मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।
सिया राम लखन मेरे तीनों किस हाल में होंगे। उन लाडलों के दर्शन चौदह साल में होंगे। मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।मेरे राज दुलारे आंखों के तारे।