अब कैसे होवे जग में जीवणो म्हारी हेली ,
लागा शब्द रा तीर ।
Tag: Chaurasi ki nind me mhara satguru aake jaga re Diya
हंसा नजर नहीं आया प्रेम गुरू,
अंत नजर नहीं आया,
गुरु जी बिना कोई काम न आवे,
कुल अभिमान मिटावे है।
रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।
क्यों भटक रहा तु झूठे जगत में श्याम शरण ले ले,
आ मन बैठ जरा गुरु जी के चरणों में
मैं तो अरज करू गुरु थाने,
चरणा में राखजो माने,
मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो,
गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
मैं ढूंढ चूका जग सारा,
पता ना कहीं तेरा मिला,
You must be logged in to post a comment.