तेरी रुनझुन रुनझुन होय श्याम की बाज रही पायलिया।
Tag: Aaj gokul nagar aaya
काया नगर रे बीच में रे,
लहरिया लम्बा पेड़ खजूर
जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
बहना बोलो ग्यारस के दिन राधे राधे,
ऐसी रचना रच गया तू जहां देखूं वहां तू ही तू।
कितना प्यारा है नागों वाला हार भोले।
तेरे हारों पे जाऊं बलिहार भोले।
सलोने श्याम को जब देखूं दुनिया भूल जाती हूँ,
छिपते छिपाते आ गई रे कान्हा तेरी नगरिया।
तू राजा की राजदुलारी,मैं सिर्फ लंगोटे आला सुँ,
नाट मत नाट मत जाऊंगी जरूर, मैयाजी के दर्शन पाऊंगी जरूर।
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