मत कर भोळी आत्मा ,
नुगरों रो संग रे ।
नुगरों री संगत में ,
ओ मिनख जमायो खोयो रे ॥
Tag: Bholi si surat mathe pe chanda
श्री राधा रसिक बिहारी,
तेरी सुरत है प्यारी प्यारी,
तूं बणया दूज का चांद बाबा नजर कदै ना लागे।
तुमने सब कुछ जहा में बनाया
चाँद तारे जमी आसमान भी
चांद सा सलोना मुख
लटें घुंघरारी है।
भोले तेरी आई याद कि भोले आ जाना।
हंस्लो मित्र कोनी थारो ए भोली काया,
जटा में तेरे गंगा माथे पे तेरे चंदा, बोल भोले बोल दर्शन होगा कि नही।
चेहरों उतर गयो चांद को जी,एसो सोनो सोनो लागे,
चंदा भी देख शरमाया, कान्हा जी तुम्हे किसने सजाया।
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