ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
Tag: chalo khatu nagariya
खाटू वाले तू प्रेम की पाठशाला है,
चलो, बुलावा, आया है,
कन्हैया ने बुलाया ह।
खाटू की गलियां रहती सदा गुलज़ार है
इनमे लीले चढ़ घूमे लखदातार है ।
खाटू वाले मैं तेरा दीवाना,
पैदल आस्यां ओ साँवरिया थारी खाटू नगरी, पैदल आस्यां जी।
मन में उठन लागी हूक,
सांवरिये के नाम की,
खाटू वालो यो मनडे भाय गयो,
दिलडा में ज्योत जगाय गयो,
कब से खड़ी हूं थारे द्वार म्हारा खाटू वाला श्याम,
ही नहीं ऐसे खाटू में,
दीनो का मेला लगता है,
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