म्हारे हिवडे उठी हिलोर भायला खाटू नगरी जावण की,
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ओ जी ओ माजीसा,
जसोल नगरी बिराजो,
कितना प्यारा है नागों वाला हार भोले।
तेरे हारों पे जाऊं बलिहार भोले।
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
इन्हीं आंखों में,इन्हीं आंखों में।
मेरा छोड़ दे दुपट्टा नंदलाला,सबेरे दही लेकर आऊंगी।
रूठ गया है, रूठ गया है।रूठ गया है,आज देखो कन्हैया मेरा।
में हूं शरण में तेरी संसार के रचैया