ऐसा कलयुग आया संतो ऐसा कलयुग आया।
Tag: aaj Kami nahi mere dhan ki
ये सुन्दर चेहरा सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दिवाना लगता है,
भारत में फिर से आजा,मन मोहन मुरलिया वाले।
जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेरै धन की।