जो शीश का है दानी, उसको मै क्या चढ़ाऊं
Tag: charno me shish jhukaya
जहाँ आसमां झुके जमीं पर,
सर झुकता संसार का,
काया मल मल धोई, काया को दुनिया रोई।
राधा रानी के चरणों में निकलेगा दम,
मैं तो हु सांवरिया तेरे चरणों का पुजारी,
ध्यान तेरा किया, शीश चरणों दिया, सच्ची माता।
झूठी काया में डोले,
झूठी माया में डोले,
लाडली अपने चरणों में रख लो मुझे।
इस पतित का भी उद्धार हो जायेगा।
हिये काया में बर्तन माटी रा,
टूटे जासी नहीं कर राङ को,
मारा हंसला रे चालो शिखरगढ़,
काया कोठड़ी में रंग लागो।
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