मुझे मिला अनोखा प्यार ब्रिज की गलियों में ।
Tag: Bada pyara lage mujhe maiya ji ka mukhda
नौ नौ रूप मैया के तो,
बड़े प्यारे लागे,
कैसे बैठा रे आलस में मुख्य से राम कह्यो न जाये,
भूखे है तेरे प्यार के, हमें भी दीदार दे ।
पापी के मुख से राम नही निकले,
केसर घुल गयी गारा में,
सारे जय माता की बोल के भर लो झोलियां
मैया का चेहरा सुहाना लगता है। लंगूर का तो दिल दीवाना लगता है।
मोर मुकुट तेरे हाथों में बांसुरीया,
तीनों लोक में मैया का जयकारा लगता है।
मैं देवी धोकण जाउंगी,
दे दे मन्नै भाड़ा,
You must be logged in to post a comment.