तर्ज,डमरू वाले बाबा तुमको आना होगा
जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
करती है यह घायल अपना रूप दीवाना करके। थोड़ा सा भी ओझल होती बावरी अखियां रोती। बस गई है चित में मेरे, प्यारी सी सूरत।🌺🌺नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।🌺🌺🌺जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
करते हो इकरार कभी इनकार मेरी पूजा को। इश्क पुकारे प्रीतम प्यारे समझो मेरे प्यार को। दीवाना कर गई तेरी मोहनी सी सूरत।🌺🌺🌺नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।
अधरों पर जब मुरली सजती, बंशीधर गोपाल के। धुन सुन सुन कर मुरली की फिर, गोपिया हो गई बावरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 जादू भरी सी कन्हैया तेरी सूरत।नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जिसने भी देखी तेरी सांवली सी सूरत। नैनों में हर पल रहती प्यारी सी मूरत।